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बिहार में ईडी की छापेमारी: संजीव हंस और गुलाब यादव के बिजनेस संबंध, करोड़ों रुपये के अनियमित लेन-देन के संकेत

छापेमारी में बड़े खुलासे: संजीव हंस और गुलाब यादव के घरों से करोड़ों रुपये के अनियमित लेन-देन के दस्तावेज बरामद

बिहार के झंझारपुर संसदीय क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव के घरों पर मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) छापेमारी का मामला अब चर्चा का केंद्र बन गया है। ईडी ने संजीव हंस और गुलाब यादव के घरों से करोड़ों रुपये के अनियमित लेन-देन के संकेत पाए हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पटना, पुणे और मधुबनी में सुबह छह बजे एक साथ छापेमारी शुरू हुई। ईडी के अधिकारी मधुबनी के झंझारपुर में गुलाब यादव के पैतृक घर समेत कई ठिकानों की तलाशी ली।

मंगलवार को बिहार में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस और आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव के आवासों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। इस छापे के दौरान, ईडी ने दोनों के घरों से करोड़ों रुपये के अनियमित लेन-देन के संकेत पाए हैं।

छापे में खुलासा हुआ कि गुलाब यादव और संजीव हंस दोनों ही बिजनेस पार्टनर हैं और उन्होंने अपनी पत्नियों के नाम पर करोड़ों रुपये का निवेश किया है। ईडी द्वारा गुलाब यादव और संजीव हंस के बीच की व्यापारिक संबंधों की जांच भी की जा रही है।

छापेमारी के दौरान ईडी ने दोनों के घरों से महत्वपूर्ण दस्तावेज़ हासिल किए हैं, जिनमें उनके निवेश और संपत्ति से जुड़ी जानकारी शामिल हैं। संजीव हंस के ऊर्जा विभाग में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करने के बाद अब उन्हें व्यापारिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा है।

छापेमारी में ईडी द्वारा आया बड़ा खुलासा है कि गुलाब यादव और संजीव हंस दोनों ही सत्ता के प्रति काफी निर्भर हैं, और उनके खिलाफ अनियमितता और व्यापारिक उलझनों के संकेत के रूप में देखी जा रही है।

छापेमारी के दौरान बिहार के पूर्व विधायक गुलाब यादव और ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस के ठिकानों पर ईडी ने एक साथ छापेमारी की थी, जो सुबह से शुरू होकर देर रात तक चलती रही। इस छापेमारी में ईडी की टीम ने पटना-पुणे और झंझारपुर समेत कई ठिकानों को खंगाला है।

ईडी द्वारा प्राप्त सभी कागजातों की जांच कर रही है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि प्राप्त संपत्ति के दस्तावेज में कितने की संपत्ति अवैध है। ईडी के सूत्रों की मानें तो पूर्व सचिव के घर में छापेमारी के दौरान बिजली कनेक्शन, तंबाकू खरीद, और फ्रिज़र के आधार पर निवेश का विश्लेषण भी किया जा रहा है। हालांकि, अभी तक घरों से कोई भी अवैध धन की प्राप्ति नहीं हुई है।

गुलाब यादव 2015 के चुनाव में झंझारपुर विधानसभा सीट से चुने गए थे। उन्होंने इस साल बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बता दें कि बिहार में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस का विवादों से पुराना नाता रहा है। उनके खिलाफ एक महिला ने पुराने समय में रेप का आरोप लगाया था, जिसकी जांच अभी भी चल रही है।

ईडी की छापेमारी ने बिहार के पूर्व विधायक गुलाब यादव और ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस के खिलाफ नए संकेत प्रस्तुत किए हैं। यह मामला अब व्यापारिक संबंधों और संपत्ति से जुड़ी जानकारी की जांच और विश्लेषण के लिए आगे बढ़ा जाएगा।

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