सीता नवमी: सभी को सीता जयंती की ढ़ेर साड़ी शुभकामनाएं | सीता जयंती

आज वैशाख शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और मंगलवार है। नवमी तिथि आज शाम 07.24 बजे तक रहेगी। इस दिन राजा जनक (विदेह राज) ने हल चलाते समय धरती से भगवान रामचंद्र की शाश्वत पत्नी, माता सीता (वैदेही) को पाया था। इसलिए इस तिथि को सीता नवमी के रूप में मनाया जाता है। आज रात 8.22 बजे तक ध्रुव योग रहेगा।
मिथिला के राजा जनक महाराज को संतान प्राप्ति के लिए ऋषियों का आशीर्वाद मिला था की जब वो खेत में हल चलाएंगे तो उनकी मनोकामना पूर्ण हो जाएँगी तब उन्होंने भूमि पर हल चलाया और उन्हें एक सोने का ताबूत मिला जिसमें उन्हें एक सुंदर सी बच्ची मिली। जुए से जोतने वाली भूमि को ‘सीता’ कहा जाता है, इसलिए उन्होंने उसका नाम सीता रखा गया।
सीता नवमी को देवी सीता की जयंती के रूप में मनाया जाता है अतः इस दिन को सीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है। विवाहित महिलाएं सीता नवमी के दिन व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
माता सीता स्वयं महालक्ष्मी के अवतार हैं वे त्रेता युग में अवतरित मिथिला की राजकुमारी, श्री रामचंद्र की धर्म पत्नी, महाकाव्य ‘रामायण’ की केंद्रीय चरित्र हैं। उन्हें जनक नंदनी (राजा जनक की पुत्री) और जानकी भी कहते हैं।
श्री जानकी स्तुति (Janiki Stuti)
भई प्रगट कुमारी भूमि-विदारी जनहितकारी भयहारी।
अतुलित छबि भारी मुनि-मनहारी जनकदुलारी सुकुमारी।।
सुन्दर सिंहासन तेहिं पर आसन कोटि हुताशन द्युतिकारी।
सिर छत्र बिराजै सखि संग भ्राजै निज-निज कारज करधारी।v
सुर सिद्ध सुजाना हनै निशाना चढ़े बिमाना समुदाई।
बरषहिं बहुफूला मंगल मूला अनुकूला सिय गुन गाई।।
देखहिं सब ठाढ़े लोचन गाढ़ें सुख बाढ़े उर अधिकाई।
अस्तुति मुनि करहीं आनन्द भरहीं पायन्ह परहीं हरषाई।।
ऋषि नारद आये नाम सुनाये सुनि सुख पाये नृप ज्ञानी।
सीता अस नामा पूरन कामा सब सुखधामा गुन खानी।।
सिय सन मुनिराई विनय सुनाई सतय सुहाई मृदुबानी।
लालनि तन लीजै चरित सुकीजै यह सुख दीजै नृपरानी।।
सुनि मुनिबर बानी सिय मुसकानी लीला ठानी सुखदाई।
सोवत जनु जागीं रोवन लागीं नृप बड़भागी उर लाई।।
दम्पति अनुरागेउ प्रेम सुपागेउ यह सुख लायउं मनलाई।
अस्तुति सिय केरी प्रेमलतेरी बरनि सुचेरी सिर नाई।।
दोहा
निज इच्छा मखभूमि ते प्रगट भईं सिय आय ।
चरित किये पावन परम बरधन मोद निकाय ॥
सीता नवमी आपके लिए देवी सीता का आशीर्वाद लेकर आए और आपकी सभी अधूरी मनोकामनाएं पूरी हों!