
बिहार की एक अदालत ने रविवार को पटना पुलिस को 2021 में दिल्ली के एक होटल में एक महिला से कथित बलात्कार के मामले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व राजद विधायक गुलाब यादव के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करने का आदेश दिया.
आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर महिला से सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा है. महिला ने 2021 में रूपशपुर थाने में गुहार लगाई थी लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया.
दानापुर सिविल कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) नवीन कुमार श्रीवास्तव के आदेश पर बिहार कैडर (1997-बैच) के IAS अधिकारी और पटना के रूपसपुर थाने में पूर्व विधायक के खिलाफ मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की गई.
पीड़िता के वकील की याचिका पर सुनवाई के बाद दानापुर सिविल कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) ने दोनों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है.
बताया जाता है कि महिला ने यह याचिका वर्ष 2021 में दायर की थी जिसके बाद खंडपीठ ने पटना पुलिस से मामले की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मांगी थी. फिर भी, रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई, जिसके विफल होने पर अदालत ने मामले को खारिज कर दिया.
इसके बाद पीड़िता ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) के आदेश को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
हाईकोर्ट ने मामले की फिर से सुनवाई का आदेश दिया और अपने फैसले में कहा कि पटना पुलिस को रेप पीड़िता की शिकायत पर मामले की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट एसीजेएम दानापुर कोर्ट में पेश करनी है. कोर्ट ने इस मामले में पटना पुलिस की उदासीनता को भी नोटिस किया है.
हाईकोर्ट के आदेश पर दानापुर कोर्ट में फिर से सुनवाई शुरू हुई. वहीं पुलिस की जांच में पता चला है कि अधिकारी संजीव हंस और गुलाब यादव पीड़ित महिला के साथ दिल्ली के एक होटल में मौजूद थे. संजीव हंस प्रधान सचिव के पद पर राज्य ऊर्जा विभाग में तैनात थे और गुलाब यादव झंझारपुर, मधुबनी जिले के विधायक थे.
जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने 2021 में पटना पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि विधायक गुलाब यादव ने उन्हें महिला आयोग का सदस्य बनाने का झांसा दिया था.
एक दिन विधायक यादव ने उन्हें पटना के रुकनपुरा स्थित अपने फ्लैट पर बुलाया. इस दौरान विधायक ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसका वीडियो भी बना लिया. इसके बाद विधायक ने उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया.
महिला ने बताया कि गुलाब यादव ने अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल किया और दिल्ली के एक होटल में बुलाया, जहां आईएएस अधिकारी संजीव हंस भी मौजूद था. दोनों ने तमंचे के बल पर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया.
फरियादी के अधिवक्ता रंजन कुमार शर्मा का आरोप है कि 2021 में दोनों ने ऐसा किया था. पीड़िता के वकील ने कहा कि गुलाब यादव उस वक्त झंझारपुर विधानसभा से राजद के विधायक थे और संजीव हंस पटना में आईएएस अधिकारी के पद पर कार्यरत थे.
अधिवक्ता रंजन कुमार शर्मा ने कहा कि शिकायतकर्ता ने पटना पुलिस को 2021 में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कई बार लिखित शिकायत की लेकिन हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण पुलिस खामोश रही और कोई कार्रवाई नहीं की.
तब उसने दानापुर के एसीजेएम की अदालत में प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था, लेकिन वहां भी इस आधार पर इसे खारिज कर दिया गया कि पुलिस ने रिपोर्ट जमा नहीं की है, अधिवक्ता ने कहा.
पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा, “पीड़िता ने दानापुर कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि गुलाब यादव और आईएएस संजीव हंस ने उसके साथ बलात्कार किया जिसके बाद महिला वकील ने एक बच्चे को जन्म दिया क्योंकि उसने गर्भपात कराने से इनकार कर दिया था.
अदालत ने उन्हें प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश नहीं दिया और मामले की जांच के आदेश दिए. एएसपी काम्या मिश्रा को जांच की जिम्मेदारी दी गई, जिसके बाद शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया गया.
एएसओ ने जून में रिपोर्ट सौंपी, लेकिन अदालत ने छह महीने तक कोई आदेश पारित नहीं किया, इसलिए पीड़िता ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
प्राथमिकी आईपीसी की धारा 323, 341,376 (डी) 420, 313, 120 (बी), 504,506 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत दर्ज की गई है. पीड़िता को 12 जनवरी को पूछताछ और मेडिकल जांच के लिए बुलाया गया था.