विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मानवाधिकारों और रूस-भारत ट्रेड पर अमेरिका पर पलटवार कर दिया करारा जवाब

भारत और अमेरिका के विदेशी और रक्षा अधिकारियों के बीच 2+2 की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका को अपनी स्थिति स्वीकार करने और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए राजी करते हुए भारत ने स्लाव संघर्ष पर अपने स्वतंत्र रुख पर जोर दिया।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पश्चिमी मीडिया को करारा जवाब दिया, जो भारत द्वारा रूस से सीमित मात्रा में तेल खरीदने के भारत के फैसले और संबंध की आलोचना कर रहा था।
इसपर जवाब देते हुए एस. जयशंकर जी ने कहा, “आपकी सलाह और सुझावों के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं, मैं इसे अपने तरीके से करना पसंद करता हूं। जहां तक तेल खरीद का संबंध है, भारत की मासिक खरीद रूसी तेल की तुलना में कम है जो यूरोप 1 दोपहर में ही भारत के बराबर का तेल खरीद लेता है।”
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी देश में “मानवाधिकारों के हनन” की अमेरिकी आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में भी मानवाधिकारों का हनन होता है, और उनकी आलोचना “हितों, लॉबी और वोटबैंक” द्वारा संचालित होती है। भारत को भी अमेरिका में मानवाधिकारों की चिंता है।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को विकसित करने के लिए युवा अमेरिकियों को भारत और दुनिया की बेहतर समझ होनी चाहिए।