संघ प्रमुख मोहन भागवत का ब्राह्मणों को लेकर विवादित बयान

संघ प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान में उन्होंने कहा “जाती भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई, ईश्वर के लिए हम सब एक हैं”
भागवत जी का यह बयान मूढ़ता पूर्ण है क्योंकि भागवत जी को शास्त्रों का ज्ञान नहीं उन्हें अपने शास्त्रों का अध्ययन करना चाहिए:
जाति मानव निर्मित नहीं, जन् प्रादुर्भावे धातु से जाति शब्द निष्पन्न है। जिसकी सार्थकता जन्म से है। जन्मना जाती और कर्मणा उत्कर्ष अपकर्ष होता है।
जाती व्यवस्था लोगों को छोटा या बड़ा दिखाने के लिए नहीं लागू किया गया था बल्कि लोगों को उनके कर्म के हिसाब से जाति व्यवस्था का निर्माण हुआ था जो शुरुआत से ही बना हुआ है और आगे बढ़ता आया है।
थोड़ी देर के लिए भागवत जी की मान भी लें तो:
अगर आप जन्म को मानते हैं तो जाती से इनकार क्यों?
जाति पंडितों ने बनाई तो सरकार जाती प्रमाण पत्र क्यों बांटती है?
हमारे शास्त्रों में किसी भी जाती हो छोटा या बड़ा नहीं कहा गया है तो संविधान में दलित, स्वर्ण, पिछड़ा, अति पिछड़ा, upper और lower caste क्यों?